मैं उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील के छोटे से गांव सूरतपुरा के किसान परिवार से हूँ। मेरे पिताजी द्वारा कम उम्र में मुम्बई शहर में टैक्सी चलाने के संघर्षशील काम करके आज सफल उद्यम की स्थापना की गई। पिताजी के संघर्ष से प्रेरणा लेकर मैंने भी नेतृत्व के क्षेत्र में सफल उद्यम को छोड़ संघर्ष करने का निर्णय लिया।
पिछले 02 वर्षों से राष्ट्रहित की विचारधारा वाले संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय को अपना कार्य क्षेत्र बनाकर आपके बीच आपके लिए अनेक विषयों पर निरंतर संघर्ष कर रहा हूँ। मैं वर्तमान में विद्यार्थी परिषद की विश्वविद्यालय इकाई का इकाई सचिव का दायित्व का निर्वहन कर रहा हूँ।
मेरे लिए नेतृत्व का अर्थ राजनीति से नहीं होकर सेवा से है। इसी सेवा को अपना परम कर्तव्य मानकर पिछले 02 वर्षों से छात्रों एवं विद्यार्थी परिषद के विभिन्न आंदोलनों में अग्रिम पंक्ति में रहकर हिस्सा लेना, पिछली राज्य सरकार में बढ़ते महिला अत्याचारों के विरुद्ध न्याय पदयात्रा में कई किलोमीटर तक जयपुर में पदयात्रा, पौधारोपण, ब्लड डोनेशन जैसे समाज सेवा के अनेक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाई। विश्वविद्यालय का हर विद्यार्थी मेरे लिए एक परिवार है। हर विद्यार्थी की हर समस्या के लिए खड़ा रहना ही मेरा प्रथम लक्ष्य है।
वर्तमान एवं भविष्य में हमारा विश्वविद्यालय कैसा हो। इसके लिए आपके सुझाव मेरे लिए बहुत महत्व रखते हैं। आपके सुझावों के लिए मेरे द्वारा एक गूगल फॉर्म जारी किया गया है। विश्वविद्यालय को देश का प्रथम श्रेणी का विश्वविद्यालय बनाने के लिए मुझे आपका सहयोग अपेक्षित है। इसके लिए मैं चाहता हूँ कि आप गूगल फॉर्म को जरूर भरें।
मैं इस वर्ष विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर उम्मीदवारी कर रहा हूँ। जिसमें मुझे आपके समर्थन एवं सहयोग की, अपने परिवार के वरिष्ठजनों के आशीर्वाद की बहुत आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि आपका समर्थन, सहयोग एवं आशीर्वाद जरूर मिलेगा और हम मिलकर विश्वविद्यालय को नए शिखर की और ले जायेंगे।
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